the great gama #50 साल के करियर में गामा को कोई हरा ही नहीं सका //by mangesh kohar
YouTube Viewers YouTube Viewers
15.6K subscribers
124 views
0

 Published On May 2, 2018

hiii
dosto mai mangesh kohar aj apko the great gama pahelwan ke bare mein batane jaa raha hun,.
The great gama 50 साल के करियर में गामा को कोई हरा ही नहीं सका,
दुनिया का सबसे महान पहलवान जिसे लोग हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के लिए भी याद रखेंगे, सन 1878 में अमृतसर में पैदा हुए गामा पहलवान का असल नाम था, जोधपुर के राजा ने जब गामा की चपलता और कसरत देखी तो दंग रह गए. उन्हें कुछ एक पहलवानों से लड़ाया भी गया. गामा पहले 15 पहलवानों में आये. राजा ने गामा को विजेता घोषित किया.

कहते हैं यहां से गामा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. 19 के होते-होते गामा ने हिंदुस्तान के एक से एक नामचीन पहलवान को हरा दिया था. पर एक नाम था जो देश में कुश्ती के मैदान में बड़ी इज्ज़त के साथ लिया जाता था- गुजरांवाला के करीम बक्श सुल्तानी. यह नाम अब भी गामा के लिए एक चुनौती था.जोधपुर के राजा ने जब गामा की चपलता और कसरत देखी तो दंग रह गए. उन्हें कुछ एक पहलवानों से लड़ाया भी गया. गामा पहले 15 पहलवानों में आये. राजा ने गामा को विजेता घोषित किया.

कहते हैं यहां से गामा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. 19 के होते-होते गामा ने हिंदुस्तान के एक से एक नामचीन पहलवान को हरा दिया था. पर एक नाम था जो देश में कुश्ती के मैदान में बड़ी इज्ज़त के साथ लिया जाता था- गुजरांवाला के करीम बक्श सुल्तानी. यह नाम अब भी गामा के लिए एक चुनौती था.जोधपुर के राजा ने जब गामा की चपलता और कसरत देखी तो दंग रह गए. उन्हें कुछ एक पहलवानों से लड़ाया भी गया. गामा पहले 15 पहलवानों में आये. राजा ने गामा को विजेता घोषित किया.

कहते हैं यहां से गामा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. 19 के होते-होते गामा ने हिंदुस्तान के एक से एक नामचीन पहलवान को हरा दिया था. पर एक नाम था जो देश में कुश्ती के मैदान में बड़ी इज्ज़त के साथ लिया जाता था- गुजरांवाला के करीम बक्श सुल्तानी. यह नाम अब भी गामा के लिए एक चुनौती था.
लाहौर में दोनों के बीच कुश्ती का दंगल रखा गया, और कहते हैं कि तमाम लाहौर उस दिन सिर्फ दंगल देखने उस मैदान में टूट पड़ा था. तकरीबन सात फुट ऊंचे करीम बक्श के सामने पांच फुट सात इंच के गामा बिलकुल बच्चे लग रहे थे. जैसा कि अमूमन होता है कि नए घोड़े पर दांव नहीं लगाया जाता. सबने यही सोचा था कि थोड़ी देर में सुल्तानी गामा को चित्त कर देंगे. तीन घंटे तक लोग चिल्लाते रहे, भाव बढ़ते- घटते रहे. अंत में नतीजा कुछ नहीं निकला. दोनों बराबरी पर छूटे. इस दंगल का असर यह हुआ कि गामा हिंदुस्तान भर में मशहूर हो गए.


doston agar mera yah video aap ko pasand ata hai ti please
like, share, and subscribe to my channel

link for more about gama pahelwan=
https://satyagrah.scroll.in/article/1...

created by mangesh kohar

show more

Share/Embed