सम्पूर्ण हनुमान चालीसा। बजरंग बाण। संकटमोचन हनुमान अष्टक। श्री राम स्तुति। भय प्रगट कृपाला। आरती।
Bhakti ke Bhajan Bhakti ke Bhajan
226K subscribers
32,844,579 views
0

 Published On Jul 15, 2020

Shri Hanuman chalisa. Sankat Mochan Hanuman Ashtak. Bajrang Ban. Shri Ram Stuti. Bhay pragat kripala. And Shri Hanuman Aarti.
भारतीय ग्रंथों कि जानकारी के लिए नीचे Description जरूर पढ़ें।


ऐसे ही अच्छे और सुंदर भजनों के लिए Bhakti ke Bhajan चेनल को सब्सक्राइब करें।

हनुमान चालीसा की रचना

हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयां हैं। जो हनुमानजी की स्तुति में गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचित की हैं। तुलसीदास 16वीं शताब्दी में अवधी बोली के महान कवि थे। उन्होंने हनुमान चालीसा को अवधी बोली में ही लिखा है।

किंवदंती है कि, 'गोस्वामी तुलसीदास जी को हनुमानचालीसा लिखने की प्रेरणा मुगल सम्राट अकबर की कैद से मिला था।' हुआ यूं कि एक बार जब मुगल सम्राट अकबर ने गोस्वामी तुलसीदास जी को शाही दरबार में बुलाया।

तब तुलसीदास की मुलाकात अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ाना और टोडर मल से हुई। उन्होंने काफी देर तक उनसे बातचीत की। वह अकबर की प्रशंसा में कुछ ग्रंथ लिखवाना चाहते थे। लेकिन तुलसीदास जी ने मना कर दिया। तब अकबर ने उन्हें कैद कर लिया।


फतेहरपुर सीकरी में तुलसीदास जी करीब 40 दिनों तक कैद रहे। जहां वह कैद थे, वह क्षेत्र बंदरों से घिरा हुआ था। बंदरों ने महल परिसर में प्रवेश किया और वहां मौजूद अकबर के सैनिकों को चोट पहुंचाने लगे। जब यह बात अकबर को पता चली तो उसने तुलसीदास को रिहा करने का आदेश दिया।

इस पूरे घटनाक्रम के होने के बाद तुलसीदास जी काफी प्रेरित हुए और इस तरह उन्होंने हनुमान चालीसा रचित की।

show more

Share/Embed